विस्थापित संघर्ष समिति ने कलिंगा कंपनी में रोजगार न मिलने पर धरना प्रदर्शन करेंगे

 


विस्थापित संघर्ष समिति ने कलिंगा कंपनी में रोजगार न मिलने पर धरना प्रदर्शन करेंगे 


कलिंगा कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर खड़िया महाप्रबंधक कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की बात कही 


समिति के लोगो ने बताया उपजिलाधिकारी,सीओ, थानाध्यक्ष, कलिंगा व एनसीएल के अधिकारियों संग बैठक में नतीजा न निकलने से खफा विस्थापित 


विस्थापितों का आरोप धरने पर बैठने पर मुकदमें की धमकी दी गई 

राम प्रताप 

सोनभद्र। शक्ति नगर स्थित एनसीएल खड़िया परियोजना में ओबी निकालने आई कलिंगा कंपनी में रोजगार की ऊको लेकर विस्थापित संघर्ष समिति जवाहरनगर घरसडी द्वारा बीते 12 मई को उपजिलाधिकारी व जिलाधिकारी तथा 15 मई को एनसीएल सीएमडी, उपजिलाधिकारी, जिलाधिकारी, थाना प्रभारी शक्तिनगर, प्रोजेक्ट मैनेजर कलिंगा, डायरेक्टर कलिंगा कंपनी, मुख्यमंत्री यूपी सरकार, प्रधानमंत्री, एसपी सोनभद्र सहित कोयला मंत्री भारत सरकार को पत्र भेजकर अवगत कराया कि सभी विस्थापितो व प्रभावितों को कलिंगा कंपनी में वरीयता अनुसार रोजगार मुहैया कराया जाए। बताया कि सभी एनसीएल खड़िया परियोजना द्वारा विस्थापित हुए हैं, जिसके बाद हमारे पास रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है। जिस कारण हमें व परिवार के लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। एनआईटी टेंडर प्रक्रिया में विस्थापितों के अधिकारों को सुनिश्चित करने हेतु यथा संभव वरीयता के साथ उनके अधिकारों को भी सुनिश्चित करने हेतु कहा गया है। 15 वीं लोकसभा का हवाला देते हुए बताया कि 2013-14 में विस्थापितों का खदान के सभी आउटसोर्स कार्यों में पहला अधिकार सुनिश्चित कराया गया है। बताया कि दुख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि परियोजना से विस्थापित हुए लोग व परिवार के सदस्य दर-दर भटकने को मजबूर हैं। विस्थापितों के अनुसार सूत्रों द्वारा बताया कि कंपनी द्वारा बाहरी लोगों को रिश्वत,और रसुख एजेंटों के माध्यम से उनके हक को छलपूर्वक छिने जाने का आरोप लगाया। आरोप है कि अपना पक्ष रखने की बात तो कोशों दूर कंपनी के लोग मिलना तक नहीं चाहते। पत्र में बताया कि लगातार विस्थापितों की अनदेखी की जा रही है। इस आशय के साथ आपको पत्र भेज रहे हैं कि सात दिनों के भीतर हमसे वार्ता कर सभी विस्थापितों का बायोडाटा जमा कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। बताया कि हमने खड़िया परियोजना से विस्थापित हुए परिवारों की सूची बना लिया है। पत्र में सात दिनों के भीतर सकारात्मक पहल न होने पर सात दिनों के भीतर अनिश्चितकालीन धरना धरने पर बैठ जायेंगे।